पूस मास री ठण्ड झरै
डामर री सड़कां
कालै बरफ री सिलाड़ी
ज्यूँ ठरै
सरणातो बायरो
सूयां ज्यूँ चुभै
ठण्ड असी जबरीक
सूरज भी गरम गाबा
पेर’र स्कूल जावारी
त्यारां करै
गली रै नुक्कड़ पै
वणी नै रोज कजोड्यो मिलै
कजोड्या रो काँई तो नांव
अर काँई परचौ
भंवर्या रो नेनक्यो ही नेनक्यो बेटो
कोई बाराक बरस री उमर
पण जाणे कर लीधो
बोइत'र बरसां रो सफर
लकड़ी री मोल्याँ बेच'र
जिनगाणी री नाव खैवे
सूरज रै पाड़ौस रा
मंगरा में रैवे
जाणे कुण माँ-बाप रै
बगसीस दियै कुड़तै में
जींरो एक चौथाई
तन ढंके
अर तीन चौथाई
मौसम रा अणूँतावेड़ नै
बारा ही म्हीना भर नै
लकड्यां रै बोझ सूँ
जींरा लकड़ी जस्या
अबाणा पग
जमीं पै लड़खड़ै
उण घड़ी आकास
आपरै ड्राइंग रूम में बैठ'र
जरूरी रोशनी
बांटवा री योजना गड़ै
तो कजोड्या री
जात रा मोरां पै
कतरा हण्टर पड़ै
अणां री गणती
कुण करै?