काचर रो बीज हूं तो हूं।

घणो बदतमीज हूं तो हूं।

तनैं चही धेलै रो नीं लागूं,

जे कीमियां चीज हूं तो हूं।

सावण सो सुहाऊं मैं मनैं

तैंवारां मांय तीज हूं तो हूं।

जीणो मरणो ऊपरलै हाथ,

निनाणमें री लीज हूं तो हूं।

सॉरी री बाण कम ही है,

कदी कदी प्लीज हूं तो हूं।

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : कुलदीप पारीक 'दीप' ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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