काम करैलो काको
जीं रो सुख देवैलो सागो
जीं रो धाप खावैलो बावो
दादै रा दांत पड़ै
पड़पोता पोळ थड़ै
थांसू सांतू पात पळै
थां रै घी रा दीप बळै
सुणो सांभळो, बात हामळो जुग रो हेलो है
जागो रे जागो रे जागो रे
आज उडीकै मैणत माटी
खेत खड़ै तो सोनो लाटी
लिछमी ऊभी लियां आरती
खोल खेत मंदर री झाटी
सुणो पुजारी, उठा कुदाळी थाम तगारी
खेता में देव जगा
मैणत रो भोग लगा
भरसी राम बखारी
थांरी झूपी वणै अटारी
थांरी बीतै रात अंधारी
मावस रो मान मरै
चांदै सू चमक झरै
थांसू सूरज-ताप तळै
थांरै दुखरा हेम गळै
सुणो सांभळो, वात हामळो, जुग रो हेलो है
जागो रे, जागो रे, जागो रे
करणी नींव चला चेजरा
लांबा थान बणा बेजारा
खींच ऊमरो सींच पसीनो
मोटी ताली लाट बिजारा
सुणो डावडा, उठा फावडा, तपो तावडा
मैणत रो म्हुरत टळै
ज्यूं चोथी पो’र ढळै
हल सूं करसी हेतो
जां रै पारस बणसी रेतो
जां रै भगवत राखै चेतो
अन-धन भडार भरै
स्यावड़ सिणगार करै
थांसू जम रा हाथ डरै
थांरै विरमा पौध करै
सुणो साभळो, बात हामळो, जुग रो हेलो है
जागो रे, जागो रे, जागो रे
रळ मिळ चालो कुटी अटारी
नेह बांधल्यो कलम कटारी
अरे! देस रो रथ हांकण में
भेद-भाव री बात कठा री
सुणी नगारा,
जाग जगारा,
थाम हुंकारा,
सपना रा बाग फळै
सोरभ रा समद ढुळै...!