जूणजातरा री डांडी

माथै आदमी कुण है,

जिणरी लांबी दाड़ी मांय दीसै अेक रहस,

अर दीसै तिरस झीणी आंख्यां में

इण रहस अर तिरस री

आखड़ ऊं संभळतौ

बो चालतौ ही रैवै

एक लांबी जातरा रै चीलै।

स्रोत
  • सिरजक : खेतदान ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
जुड़्योड़ा विसै