गादोतरौ रोप दै पैलां गढ़ रै आगै

मेड़ी रै ताळा जड़,पटका नुंवी हवेली

सपनां नै साथै लै, सपनौ सांचौ साथी

गांवां सूं, नगरां सूं, आगै बधजा बेली

च्यारूं कानी रेत-रेत है. रूंख दीसै

मारग तौ सगळा रा सगळा लारै थमग्या

कद उठैला सवा लाख री सबद-पालकी

माटी रा ऊंचा धोरां में करहा गमग्या

आंधी सोधै है फाटा इतिहास पुरांणा

मिरग भरम में छांव सोधता भाग रह्या है

चाट पसीनौ आपसरी में तिरस बुझावै

दिन ऊगां म्रग-मारण केहर जाग रह्या है

भरम मिरगलां रौ सांचौ हौ सोळै आंना

सोधणवाळौ पग-पग रूप बदळतौ चालै

जो वहीर व्है वौ कोनीं पूगै मजलां

पूगै मजलां, वौ कोनीं जो घर सूं हालै

मत पांणी री आस,बाट मत जो छींया री

दिन करतां रात अठारी रड़ियाळी है

नाचै है बेताल बथूळो, मीरां नाचै

पग रै खोजां अठै चालणौ गाळी है

डर मत,थारा पग मंडण नै काळ मेटै

पण बदळैला रूप, फिरैला पूंन बुहारी

बण जावैला ताळ अड़ौअड़ दूधां भरिया

कुरजां बैठी कुरळावैली आरी-बारी

तप सूरज रै साथै थूं दूजौ सूरज है

लूवां री बाथां में बंधजा बिना बुलावै

सेज बदळलै,खेजड़ली सूं सेज थोर री

पांणी नै मत पूछ, गांगली गीत सुणावै

देख-देख इण सरणाटा में कांई दीसै

लियां हाथ में कळस द्रोब कोई देवी है

पीळौ ओढ़्यां, लाल घाघरौ, लाल कांचळी

सुवरण वरण, चरण पंचाइण-रथ सेवी है

पैली थारी जीभ काट चरणां में धरदै

सीस चढ़ावौ करदै, रीत सरण री

सपनौ मत दै, लोही दे दै, पीड़ भूल जा

पीड़ जलम री, पीड़ भोग री, पीड़ मरण री

स्रोत
  • सिरजक : सत्यप्रकाश जोशी
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