पांण जोड़ हरबार मावड़ी,

वंदूं बारमबार मावड़ी।

जोगण! जगदंबा! जग-जाहर,

ममताळी! रखवार मावड़ी।

आदीसगती अखिल ईसरी,

किरपाळी! किरतार मावड़ी।

टाळै विघन विनासण शत्रव,

रखवाळी! इमी-झार मावड़ी।

जुग-जुग जुड़ियौड़ा हैं थैं सूं,

जोराळी! अे तार मावड़ी।

म्हारी नैया आप भरोसै,

विरदाळी! संभार मावड़ी।

मेटौ मन अंधार प्रकासौ,

मुगटाळी! आधार मावड़ी।

मढ़ में रखजै मूरत सांमी,

बीसभुजाळी! द्वार मावड़ी।

चाढूं पुहुप सबद री माळा,

डाढा़ळी! मढ़-द्वार मावड़ी।

थूं बस राखै लाज सदा ई,

छतराळी! कर पार मावड़ी।

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