जिंदगी ने शहर के सुपरमार्केट जियाँ होणो चाहिजै

कि सगळो सामान एक ही ठोड़ मिल जावे।

जिंदगी ने तो गाँव की इकलौती परचूनी दुकान ज्यां होणो चईजे

के थोड़ो-थोड़ो सब पुड़की मे मिलबो करे।

स्रोत
  • सिरजक : उषा राजश्री राठौड़ ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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