बाती

एकै कानी सूं जुपै

जद सुहावै ज्योत...

म्हारी पीढ़ी तो

दोन्यां कानी सूं

जुपा राखी है बाती।

स्रोत
  • पोथी : थार सप्तक 7 ,
  • सिरजक : मनमीत सोनी ,
  • संपादक : ओम पुरोहित ‘कागद’
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