म्हनै गारा को एक ढोबो भर्यो
अर उ मे पटकद्यो पाणी
कै आ जावै उ म्ह लोच
अर रखाण द्यो उन्है खुला आसमाण कै नीचे
लगबा दी हवा
लगबा द्यो तावड़ो
पाँचों तत्व होता सता बी केई बरस बीतग्या
न आयो उ म्ह जीव
अर या बावली दुनिया हाल बी न जाण पायी
अस्याँ ई न बण जावै गारो
रुख़, चड़कल्याँ अर मिनख।