बीं खातर
कदै रात नीं हुवै
कदै हुवै कोनी दिन
कदै उगै कोनी सूरज
कदै उगै कोनी चांद
बा अंधारै सूं चालै
अर अंधारै ई थमै
अंधारै-अंधारै पूरी करै
आपरी जातरा!