व्हालां,
जिको म्हैं भोग्या है
वो म्हैं ही जाणूं
पण, म्हैं देख्यो है
वो ही थे भी भोग्यो है
अै भी भोग्यो है
वै भी भोग्या है
अै स्याणा मिनख
किणीं में हां मिलावो तो आछो
नींतर गाभा लीर-लीर कर न्हाखै
जीवता नैं गाड देवै।
कालै तांई
जिका घणा ही मैरबान हा
कदै फेर न्हाखै निजरयां
आंरा थरप्योड़ा सिद्धांतां माथै
आंधा बण नै चालता रैवो
नींतर अै
आपरी असलियत बताय देवै
पांखड़ा कतरता जेज नीं लगावै
कसी भी वैवस्था व्है
किणी रै बाप सूं नीं डरै।
भायलां!
जिण भी
नूंवै गेळै चालणै री
कै मनमरजी री तेवड़ी है
विण रो पड़यो है
इणां सूं ही वास्तो
तलवार तमंचा अणां रा
खूंज्या में रैवै
विरोध अै नीं सेवै
अणां री मरजी माफक
नीं चालोला
तो बेमौत मरोला।