मुँ अंगाश औड़ी ने आणी धरती ने तसमणु मानूँ हूँ
हके जके जेमें नेरै घटें ई दाडा काढूँ हूँ
आँईं घणं एवँ है जेणने खावा रोटलो ने हुवा औंटलौ नती
पैरवा सेतर नै रेवा टापरँ नती
कारेक तो मरय पूरै खापण बडी मुश्कीले मलै
ई जाणु नै तमने जणावु हूँ
आँएं घणा आवता ने जाता रया
खाता ने खवडावता रया
आमस भूकैं मरवा वारँ मनकँ नै
टाडं पोतँ आलता रया
हवे तो कांइक कर्या वना पार नै पडै
ई जाणु हूँ
मोटॅ मोटॅ वल्लँ नेसे
केटलक पोवाडियँ उगत रएँ
कश-कश तो वल्लो खेंसे
ने पोवाडियँ तो ताकतं रएँ।
ने तो धरती नूँ पाणी ..
के ने बावसी नो ताप पामे हैं ।
ई तो बापड़ ऊगता ने आतमता बावसी नी साँयलीस पामै हैं
धरती नुं पाणी ने बावसी नो ताप जे जुवे ई मलतो नती
मुं तो एवुस मायूँ हूँ
हमराय तो एम है के घणों विकास थई ग्यो है
मानमी ठेट सन्दरमा ऊपर जाई पुग्यो है
आँएं तो हवे मनकँ वरतँ ने धरती टोंकी थावा लागी है
एटले सन्दरमा ऊपर प्लोट नी लाईन में जाई पूग्यो है
आ हंगरुए तमे भी हामर्यु है ने भी जाणु हूँ
केनेक पाये तो बतरी-बतरी मारँ नी मेडिये हैं
ने कोणेक एवी पाय वारी वाट ऊपरस हूवै है
केटलँक तो एटलु खएँ है के अजीरण ने लिदे ओकरें हैं
ने केटलंक भूकँ ई ओकरण साटवा हारु ताकै हैं
आणी दशा हारु आपडे सब जिम्मेदार हँ ।
मूं तो एवुस मायूँ हूँ।
वाँटी नै खावु ने बैकुण्ट में जावु
ई वडाउवँ नी वात हती
आजे तो खोई लेवा
ने खेसी लेवा सिवाय बीजी वात नती -
रोटलौ ने ओंटलौ हरसी ने वपरातो नती
कमजोर तबका थकी वेसातो लेवातो नती
हली मली ने राम राज लाव्वा, मने सहयोग आलो
ई आशीर्वाद मांगु हूँ
बीजा ने तौं पडाय केमके पाडवु ठीक नती
पण पोते कमजोर रई पडी जावु ए ठीक नती
बीजा ने पाडी ने अगाड़ी आव्वा नी वात खोटी बात है।
भले पोनेम देकाती होवे, पण ई तो अमावस नी रात है
मूँ तो हँगरँ ने हाते लई हेण्डवा वारी वात मायूँ हूँ।
जारे गाय ने वाग एक घांटे पाणी पीयेंगा
हिंसा ने भूली ने अहिंसा हारु जीवेंगा
ईमानदार मानमियँ नूँ पोषण आँएं थायेगा
मेनत मजूरी नुं शोषण बंद थायेगा
एणी आशा में जीवी अगाड़ी पोग माण्डुँ हूँ
मूँ अंगाश ओडी ने आणी धरती नै वसमणु मानु हूँ।