सगळा स्यूं

सरम बायरी हुवै

भूख!

मन चाहै

किस्यो हुवै

हाल चाहै

हुवै बेहाल!

हेत री बंसरी बजावती

पूग जावै

फिटोळ।

स्रोत
  • सिरजक : अनिला राखेचा ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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