भादवै री अमावस नै
म्हारै आंगणै माख्यां री भांत भिनभिनावै
दूर-दूर सूं धोक लगावणै आयोड़ी लुगाइयां—
सती माता री जै हो!
सती माता री जै हो!
इण भांत रै नारां सूं धूजण लागै आखी धरती
पण थानै सांची बताऊं—
भरतार रै मरया पछै
रोवंती-कूकती
डांग रै जोर सूं जीवंती बळिज्येड़ी
अेक निरभाग लुगाई हूं
म्हूं कोई देवी कोनी।