फागणियो आयौ रे,फागणियो आयौ रे।

चुन्दड़ लहराई सागै पोमचो लहरायो रे।

हर घणी आवै, पण सायब को'णी आयौ रे।

माँ सा ताना देवै, नणदल काट चिकोटी,

देवरियो हरसायौ रे।

बैरी बणअर फागणियो आयौ रे।

गाल टेसू हो गिया, धक- धक धडक रियौ है जियौ।

तगडी पर निजरा है लोगां री,चुडलौ सिसकियाँ भर रियौ।

होठां पै जमगी पापडी, नैण गिया है पथरा।

जल जासी चामडो, जो दुख पासी अतरा।

मत कोसजो भगवाण नै थै, जो मे नाते जाऊ।

बखत रैता चेतो सायबा,थानै मे कंठ लगाऊ।

चटक जावै बाजुबंध, ठुलक-ठुलक बोरलो जावै।

झनक उठै पाजेब, हरक-हरक बिछुवो गीत गावै।

फागणियो आयौ रे,फागणियो आयौ रे।

स्रोत
  • सिरजक : शकुंतला अग्रवाल 'शकुन' ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
जुड़्योड़ा विसै