म्हारे लेखण में
नी तो प्रीत रौ रस है
नी वियोग रौ काळकूट
नी तड़को राजनीति रौ अर
नी है पळको फूटरापा रौ
हूं लिखी आंख्यां देखी,
लिखणों सुभागिए रौ
सुभाग
अर देख्यौड़े ने
बिसराय देवणों अभागिए रौ अभाग
हूं लिखी काळजे री कळमस
आतम री झांक
रातां रा रातींदा अर
परभात री जाग
हूं लिख्या
अंधारे रा ओर-छोर
अर परमारथ री प्यास
हूं लिख्यौ परगट रै
पैरा देतो ऊजळो उजास
हूं लिख्यौ
बैवतो बायरियो अर
रूंखां रो रुदन
हूं लिखी बटाऊ री बाट अर
मिनखां री बिसार
हूं लिख्या नैड़े अळगे रा
आकार अर असंग री दीठ।