रात री
हथेळी पर मेल्यो
अेक चांद
कीं तारा
कै
बाद में गिण’र
धर लेस्यूं
अंतस रै खूंजै मांय
रीसाणो सूरज
होयो लाल-तातो
खोस्यो चांद
गुड़ाया तारा,
बस
दो इज रैयग्या
आंख रै खूंजै मांय
आंसू होय’र।