कुण नँ घाली बाळ मँ सोरम

कुण नँ आवाज रचोई ईं में

कुण नँ सोरम घाली छे

काँई हवा एकली बह री छे?

भेळी छे ये सब बाताँ-बस्ताँ

के नाळी-नाळी छे।

स्रोत
  • पोथी : जागती जोत ,
  • सिरजक : अंबिका दत्त ,
  • संपादक : डॉ. भगवतीलाल व्यास ,
  • प्रकाशक : राजस्थान साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर