बरसां पछै..!

देख आवता माणस जात

पाळ रुखाळो

जूनो खेजड़ो

कर कर चौड़ी छाती

लांबा करतां हाथ

करी जुहार

अंवेरी निंमझर..!!

नैणां ढळक्यो नेह

होवतो गळगळो

धोया पग

गुवाळियै रा

मुटळाई रै जो‘ड़ै..!

स्रोत
  • पोथी : चाल भतूळिया रेत रमां ,
  • सिरजक : राजूराम बिजारणियां ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन,जयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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