थांनै, आपरी बात नैं
मनावण रै खातर
जरूरत पड़ै भगवान री।
भगवान रो डर दिखावतां ई
थांरी बात
बिना सोच समझ’र
मान जावै मिनख।
थै मोटा-मोटा
सिंघासणां माथै भैठ’र
झूठ ई कैयो-
मुगती रो मारग है
राम रो नांव।
अर म्हैं
बिना सूझ-बूझ रै सागै
लाग्या लेवण राम रो नांव।
औ नाम लेवतां
बीतगी कई पीढियां।
पण होई कोनी
अजै ई मुगती।