थारी ओळखाण
देख उदयपुर आखा जग में
व्है गी थारी पैचाण
दूध तलायी, पिछोला,
स्वरूप, फते री पाळ
उदयसागर में जा ने मिलगी
सगळी एक ही जान
अलग अलग है रूप रूपाळा
अलग अलग है नाम
इक दूजा उँ जुड़ी ने सगळी
नगरी री वण गी शान
देख उदेपर,
मेहला रा चौबारा पाछे
पिछोला री पाळ
तीज तैवाराँ रौनक या में
मेवाड़ी ठोके ताल
गण गोरिया में ईसर बाजी
सज धज ने श्रृंणगार
करे सवारी नाव में
ओछ्व यो बड़ो कमाल
झीलां री,
रण बाँकुरा राणा जी री
याद दिळातो नाम
आज काळजो बणग्यो
सब रो सागर फते महान
छोरा छोरी लोग लुगायां
बैठ ने ताल री पाळ
मौज करेआंणद मळे
भूलण सारा जंझाल
झीलां री…
झीलां कैवे उदयपुर थे
सुण लो अरज या ध्यान
करो सफाई टेम टेम
थे राखो स्वच्छ अभियान
हार हमाल उँ मैंभी राजी
कर दूंगा थाणे न्याल
झीलां कैवे नगरी री थे
राखो म्हारौ ध्यान