दोय बार आठानी या
च्यार बार चारानी ऊछाळबा सूं
कदी न्ह बणै कळदार रुपियो या पंचम जाज।
चांदी का, सोना का पतल्डा सूं बणी
चमचमाती गरब भरी पतंग
न्ह ले सकै कदी बी
सौशन्या अकास में
बडो होबा की ऊंची उडाण।
गरीबीली कागजी नाव में बैठ’र
कदी न्ह जाकै
जित्रगी की नंदी कै पैली-कल्डै।
स्वारथ का चरा बांध’र कोई बी
कस्यां ला सकै छै
मनखापणा रूपी कुवां का पींदा में सूं
औपकार को छयो।
काळा-काळा मोटी तूंद का भ्रस्टी चींटा
कल्पना का पांखड़ा लगाञर
न्ह लांघ सकै
सात समदर कै तांई
म्रित्युंजय होबा कै लेखै।
ईं लेख तूं अपणी वौकात भरी पगथळयां सूं
मत छोडै
ईं धरती की माटी
ईं धरती की बाल
ईं धरती की राजस्थली।