कतना दन और? अस्यां कतना दन और?

तासां का ताजमहल, ये भींतां रेत की,

ब्याळू की बेरां, कोरी बातां खेत की,

यौ नटबौ बेबस-

ये खाटा अर अधपाक्या बोर! कतना दन और?

हांडी पै जाळा क्यूं पूरै छै मांकड्यां,

चूल्हा की पांती में धूं देती लाकड्यां,

भूखा ही बैठ्यौ रै

भोळा टाबर मूंडा धो'र! कतना दन और?

पाताळां पाणी की आडी झुक झांकबौ,

मिठबोलां मेघां कौ, डूंगरिया डांकबौ,

भाटौ ज्यूं-कौ-ज्यूं

पण घसगी या ऊमर की डोर! कतना दन और?

छांनै सै जा झांकै, सूरज भंडार में,

कोई की अंगणाई, तड़पै अंधार में,

मिनखां रहणौ छै

कतना दन बण गूंगा ढोर? कतना दन और?

आऔ चूरौ पाडां, ईं बादळ महल में,

तणग्यौ क्यूं राखौ छौ, रूई का फहल में,

यौ खटकौ मटज्या

पण चाहीजै झटका में जोर! कतना दन और?

कतना दन और? अस्यां कतना दन और?

स्रोत
  • पोथी : अपरंच ,
  • सिरजक : रघुराजसिंह हाड़ा ,
  • संपादक : गौतम अरोड़ा
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