बैली!
बिस्वास हुवै काचो सूत!
धियान स्यूं सुळजाव
धियान स्यूं कात
धियान स्यूं ताणो ताण
सुण!
चिन्हो'क खींचताण स्यूं
टूट सकै ताणों
पड़ सकै है गांठ!
बैली म्हारा
धीजै स्यूं कात।