आंधी लुगाई

रूंखां रै

गंफी घाल्यां बैठी

जणैं-जणैं सूं

बांथेड़ौ कर् ‌यां

किस्यौ बींद मिलै।

स्रोत
  • पोथी : पगफेरौ ,
  • सिरजक : मणि मधुकर ,
  • प्रकाशक : अकथ प्रकासण, जयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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