देखलौ चावै किणी ठौर
टूटगी अब रिस्तां री डोर
धन दौलत री खातिर होग्या
सगळा मतलब खोर
टूटगी अब रिस्तां री डोर
मां-बाप रौ मान निठ गयौ
भाई-बहिन रौ नेह निठ गयौ
खुद रै स्वारथ कारण बसियौ
सब रै मन में चोर
टूटगी अब रिस्तां री डोर
इच्छावां रा मिणिया मोसै
ओलादां नै पाळै-पोसै
वां नै मीठो माल परोसै
हियै मोह घनघोर
टूटगी अब रिस्तां री डोर
बङा- बूढ़ां रौ मान कठै है
अब वैङौ सम्मान कठै है
वृध्दाश्रम में करै व्यवस्था
ले जावै जावै टोर
टूटगी अब रिस्तां री डोर
मां कितरा ई टाबर पाळै
बेटा ऊपर भारी मां
बूढ़ापौ बैरी बण जावै
कठै जाय दुखियारी मां
मां री नैणां मे छायो है
अंधारो घनघोर
टूटगी अब रिस्तां री डोर।