म्हैं-बाप-दादा री दीठ में

ब-सूं बालक

बंस रो बधोपो होयग्यो

भायां री दीठ में

बटवाड़ा रो हकदार होयग्यो

बैन री दीठ में

बखत पे आवण रो

बिस्वास होयग्यो

अर-म्हारी दीठ में

अबोली पीड़ा ने

आखरां में अंगेजतो

बटोही होयग्यो।

स्रोत
  • पोथी : बिणजारो पत्रिका ,
  • सिरजक : रमेश मयंक ,
  • संपादक : नागराज शर्मा
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