कदै’ई तपै

कदै’ई ठरै

कदै’ई उड-उड घिरै।

बता बेकळू

थारै काळजै मांय

किण बात नै लैय’र

उठा पटक है?

क्यूं उठै

भतूळियो बण

कड़कड़ी खाय’र

आभै रा

गाभा फाड़ण

अर क्यूं पाछी सोवै

सागी ठिकाणै?

स्रोत
  • पोथी : जातरा अर पड़ाव ,
  • सिरजक : ओम पुरोहित ‘कागद’ ,
  • संपादक : नंद भारद्वाज ,
  • प्रकाशक : साहित्य अकादेमी ,
  • संस्करण : प्रथम
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