कदै’ई तपै
कदै’ई ठरै
कदै’ई उड-उड घिरै।
बता बेकळू
थारै काळजै मांय
किण बात नै लैय’र
उठा पटक है?
क्यूं उठै
भतूळियो बण
कड़कड़ी खाय’र
आभै रा
गाभा फाड़ण
अर क्यूं पाछी आ सोवै
सागी ठिकाणै?