ओ रै भाया, रुक मत भाई, झक मत भाई
ऊजड़ खड़ती आंधी आई
दो झटका दे आ ढळ जासी,
आ गळ जासी रेत चढाही
रुकतां पैली आप मरैली,
जीव जठै तक आगै जाही
ओ रे बेली, काया कंवळाई
अड़ब रंगीला, काळा, भूरा, पीळा जागै, बाट बटाही
तूं सागै आगै बध जुग रै
जीवण दे, जीवण रै तांही
ओ रे सुगणा, छक मत भाई, तक मत भाई
नवी कटै है बरग लड़ाई
धर मजलां जीवण जोड़ै बध
दीवट लेले पंथ बताही
ओ रे उरजन, डर मत भाई, मर मत भाई
दिन-दिन दीसै मजल सवाई
आ थारी काया पड़ जासी
पिण दे जीवण चाल गटाही
नित आगै बधती जिंदगानी
आ दीवट आगै ले जाही!