दिल्ली रोज निकाळै है आदेश

गांव रै नांव

गांव जिकै रो बस नांव ठा है

दिल्ली नै

दिल्ली नक्सो देखण री आफळ नीं करी

गांव नै सोधण वास्तै

अर जे करती

तो भी नीं मिलतो गांव

दुनिया रै किणी नक्सै मांय।

पण दिल्ली नै गुमान है

कै बा भलो सोचै है गांव रो

अर इण वास्तै निकाळै है आदेश

गांव रै वास्तै

बीं नै कोनी ठा

कै कांई चावै है गांव

क्यां खातर रोज

हेला पाड़ै है गांव दिल्ली नै

सड़क रोकै है गांव बारली

अर मांरै है बांग

छातां चढ-चढ

इण आस मांय

कै पूगैली कदैई बांग

दिल्ली तांई

पण दिल्ली

रोज पीवती धुंवो, गिटती बांस

नीं लेवणी चावै गांव री सुद्ध हवा

अर गांव

कदैई नीं पूग सकै

दिल्ली तांई।

स्रोत
  • पोथी : ऊरमा रा अैनांण ,
  • सिरजक : अनिल अबूझ ,
  • संपादक : हरीश बी. शर्मा ,
  • प्रकाशक : साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली ,
  • संस्करण : प्रथम
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