नीं जाणै

किण दिस सूं

उतर्‌यो सरणाटो

पसरतो गयो

थिरकतै सै'र में

बतावै कुण

थेड़ में मून।

कुण नै किण

किण नै किण

कांई कैयो-बतायो

छेड़कली बार

जणां बिछै ही

काळीबंगां में

धूळ री जाजम।

स्रोत
  • पोथी : आंख भर चितराम ,
  • सिरजक : ओम पुरोहित ‘काग ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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