नामी राज

पाळता परजा

जैकारां सागै

करता पुत्रेष्ठी जिग

बीजा अनुष्ठान

राखता चावना बेटै री

चोखी नीं लागती स्यात बेट्यां

राखै चावै रणवास मांय

अेक सूं अेक रूपाळी राणियां

सांची बात तौ

कै जलम्यां बेटी

करता निवेड़ौ

बस पड़तां कोख में

नींतर धरती पूग्यां

इयां करतां

जे जलमगी बेटी

तौ कर देवता अळगी

दूजै किणी नैं

राजा दसरथ री गळाई

जिकौ कर दीन्ही ही खोळै

राजा रोमपाद रै

आपरी धीव शांता नैं

राजतंतर री थरपी रीत

निभावै परजा अजेस लग

कळपै मात सरूपा धीवां

जुगानजुग सूं !

स्रोत
  • पोथी : बिणजारो 2017 ,
  • सिरजक : कमल रंगा ,
  • संपादक : नागराज शर्मा ,
  • प्रकाशक : बिणजारो प्रकाशन पिलानी ,
  • संस्करण : अङतीसवां
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