धंधूणी लगावणै सूं

बोरटी बोरिया दिरावै

खेजड़ी खोखा खिरावै

गाय बछड़ां नैं दूध पिलावै

धंधूणी मांय

धणी चावी अर ठावी सगती

धंधूणी मांय राफड़-रोळां तूं मुगती

धंधूणी सांमी

चापलूसिया चाकर बण जावै

अकड़ू गोड़ाळियां हुय जावै

जिका अपणै आपनै ठाकर कैवावै

धंधूणी लगावणै सूं

नेता कान फड़फड़ावै

अफसरिया डरता

सुभ राग गावै

इण वास्तै धंधूणी रौ अरथ

समझ बावळा!

धंधूणी लगाव

चमगादड़ भगाव

धंधूणी लगावतौ जाव

भ्रिस्टियां नै भगावतौ जाव

आकरौ बोल, वाणी रौ कर मोल

धूणी रमा, धंधूणी लगाव।

स्रोत
  • पोथी : अपरंच राजस्थानी भासा अर साहित्य री तिमाही ,
  • सिरजक : शिवराज छंगाणी ,
  • संपादक : गौतम अरोड़ा
जुड़्योड़ा विसै