उदास कमरां री

धूल सूं भरियोड़ी

टेबिल

मरियोड़ै अतीत री

गिंध सूं फूल्योड़ी

दीवळ सूं खायोड़ी

मोटी पोथ्यां

भींत पर

मकड़ी रा जाळां सूं

भरियोड़ी तसवीर रै उनमांन

धुंधळाता बरतमान री

पिछाण नीं

खूंट्यां रै माथै

आपघात सारू

लटकियोड़ी डोरडी

अेक खुणैं में

चिगद्योड़ा सोसन्या रंग रा

कागद

रीस अर निरासा सूं

काळी करियोड़ी

फाइलां रो मानसिक बोझ

कुंठा सूं दाझियोड़ा

दिनां री

अणचीती, बैविस्वासी

का’णी रा पै’रादार

थूक सूं

बदरंग हुयोड़ो

निरास आंगणों

कठै-कठै

लीक लिकोळिया अर

काटा-पाटी करियोड़ी

जवानी रै पसीनां सूं

भीजियोड़ी

कोजी अर चीगटी डायरी

छीज्योड़ी

कोजी अर चीगटी डायरी

छीज्योड़ी ऊमर री

खरी गुवाईदार

मार खायोड़ा

टाबर रै मूंढा री

उदासी सा गिरम्यां रा दिन

बिखर्या पड़या

फूट्योड़ी बोतल रा

काच-सा टुकड़ां ज्यूं

जूनां दिनां री

गांगरत में सांवट्योड़ा

खुद रा ताव सूं

पिघळ्योड़ा

लगै कांटां सूं

भरियोड़ो अकास

उग्यायो म्हारै

दरवाजा माथै।

स्रोत
  • पोथी : राजस्थानी-1 ,
  • सिरजक : गोरधन सिंह शेखावत ,
  • संपादक : तेजसिंह जोधा
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