चुनावां मांय दिखै वोट

जनसभावां मांय

दिखै भीड़

फेकटरी अर कारखानां मांय

गिणिजै मजूर

बजट मांय

दिखै

अरबूं रिपिया

डकारण रो भानो

पण सड़कां पर

चालतै

भूखै तिरस्यै मजूर मांय

नीं दिखै किण नैं

मिनख

लोकराज मांय।

स्रोत
  • सिरजक : लालचन्द मानव ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोडी़
जुड़्योड़ा विसै