रैयत रै रेवड़ नै

लीलीछम दूब रा सुपनां दिखाय’र

मौर लेवै पाकै सीटां ज्यूं,

पछै बूझै कद है जात,

जनसेवग अतरा फीटा क्यूं,

लोकराज में सत्ता री

रोट्यां सेकण सारू,

लोकलाज फगत बळीतौ है,

सीटौ सिक्यां पछै,

जदैई तौ नेतौ नचीतौ है।

स्रोत
  • पोथी : अपरंच ,
  • सिरजक : राजू सारसर 'राज' ,
  • संपादक : गौतम अरोड़ा
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