जियां चूसनै थूक्योड़ी
गुठळी सूं,
जे दिनमान सावळ हुवै,
तो कीं दिन खाय'नै
उग आवै
अड़क बोरड़ी
बियां ही बेट्यां ई
अड़क ही ऊगै,
अर जको बूंटो
अड़क उगै,
बो चाये राम भरोसै ही पळै,
पण बीं री जड़ हरी हुवै।
आ बणेड़ी बात है...!