सुण पेपला!
सईका बदळ्या,
पीढ़ी सागै बदळ्या लोग
पण हांण सागै नीं
बदळी बांण,
थितियां नै बियां री बियां
बणाय राखी
औ कैड़ौ जाळ है,
बरसूंलग सागण ई गाळ है,
थारी दुरगत री
जिकी ई वजै है
वींने बदळण री
फगत दिल्ली ई
अेक जिगे है।