अेक मिड़कल डोकरयो

आपरै कांधै तोक्यां सूळी रौ सराजांम

कोस अर कीलां

भावना अर विचार

पूरी पगतळी टेकतौ नैठाव सूं

बधियौ हौ अेक दिहाड़े

म्हारै माथै कर

म्हनै याद है

म्हारै टाळ

सब रोया

म्हें नीं रोयौ!

म्हैं जाणती हो सुभट

के सूळी माथै चाढ सकै है राजा

किणी मिनख नै

पण दुनिया रौ कोई राजा

सूळी नीं चाढ सकै- उणरौ मारग

अेक मारग इज तौ व्है

जिकौ लारै बच्योड़ो रैय जावै जीवतो

हरमेस

पछै जिणनै दुनिया पूजै

साची कैवूं

यूं तो कीड़ी रै पगां रौ लागै बोझ

म्हां मारगां नै

पण उण दिन म्हैं तगासियौ

रूह सूं फारक हा

वै जीवता पगल्या

म्हनै केई-केई दांण

आपरौ डील ऊंचौ उठावणौ पड़यो

उणरै पगां रौ परस करण खातर

अैड़ा पग

भागधारी मारग पांती आवै

सईकां में नीठ

अेक आधी दांण

म्हैं नीं रोयौ

क्यूं के मारग अमूमन

दूजी बातां सूं रोयां करै

मारग जांणै

वौ रेवैला जमीं माथै

जित्तै जमीं है

जमीं है तौ राजा रेवैला

राजा रेवैला

तौ रेवैला उणरौ न्याव-अन्याव

न्याय रेवैला

तौ रेवैला सूळी अर परेकां

परेकां रेवैला तौ रेवैला हथोड़ौ

रथोड़ौ रह्यां

रेवेला हथमार

पण हथमार, हथोड़ौ, परेकां, सूळी, न्याव

अर राजा रै रह्यां

जद नीं रेवैला

हाथाळियां

मारग रोवेला

मिन्नी रै रोयां छींकौ नीं तूटै

इण सारू इज

मारग आपरी आधी सूं बेसी उमर हींजरै

हाथाळियां नै

पण अेड़ी सुभागी हाथाळियां तौ

किणी अमोलक पुळ-घड़ी

सिरजण री पीड़ टसकती

नीठ जलमै

पछै आपरौ मारग लैय

बिलाय जावै

पछै लारै कित्तौ करौ हायकूटौ

गेला, सड़कां, हाइवे

डिगरां, डांड्यां, गळियां

सगळा अेकठ व्हैय

भलांई न्यारा-न्यारा

आंरौ छातीकूटौ

मारग रौ रोवणौ नीं व्है

मारग रौ रौवणौ

तौ मारग जांणै

अर मारग रौ बिखौ

मारग इज पिछांणै!

स्रोत
  • पोथी : मारग ,
  • सिरजक : देवल प्रकासन, गोटीपा ,
  • प्रकाशक : चंद्रप्रकाश देवल
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