मोत्यां हंदी माळ चिड़कली।
दया धरम री डाळ चिड़कली।
सगळां री तूं सार राखजै,
भाई-चारो भाळ चिड़कली।
मिनखां री मरजाद राखजै,
ईजत मती उछाळ चिड़कली।
अगम-पिछम मं बाजै बायरा,
अपणी रखै रुखाळ चिड़कली।
मीठा-मीठा बोल बोलणां,
जावा दै जंजाल चिड़कली।
चौड़ै धाड़ै मिलै चोरटा।
चौखी रख सम्भाळ चिड़कली।
जीणों है दिन च्यार जगत में,
रीत प्रीत री पाळ चिड़कली॥