बुध घणी बळवान
करै बिचार
अर
थारै-म्हारै मांय बांटै
सगळौ संसार
पण
हिवड़ौ घणौ लाचार
आखै जग नै
भावनावां सूं तोलै
थारी-म्हारी कोनी जाणै
सगळां नै ही
आपरौ कर’र बोलै।