सैरी आंखड़ल्यां रो तारो प्यारो राजस्थान

गोरा गोरा टिबड़ियां पर खेत खड्या मुसकावै

नैणां सुरमो सा'र गोरड़ी भातो लेकर जावै

गावै अळगोजै री तान है प्यारो राजस्थान॥सैंरी॥

लड़बानै जद गयो सायबो मंगवाई सैनाणी

ले कटार सिर काट दे दियो धन-धन छत्राणी

जुग-जुग गावै तेरो नाम है प्यारो राजस्थान॥सैंरी॥

राणा सरीसा पूत होवै तो धरती भी स'रावै

चेतक जिस्या घोड़ा ढूंढ़या और कठै ना पा'वै

होग्या मालिक पर कुरबान है प्यारो राजस्थान॥सैंरी॥

वीर पदमणी, हाडा राणीं, गणगोरयां रो देस

देई देवता देखण आवै कर जोगी से भेस

चक्कर खावै भगवान है प्यारो राजस्थान॥सैंरी॥

अमर सिंग अर गोरा बादळ तलवारां खुड़काई

भामा जिस्या दानी देख्या, देखी मीरा बाई

पन्ना धाई रो बलिदान है प्यारो राजस्थान॥सैंरी॥

कोटा, बूंदी, जैपुर देखो देखो जैसलमेर

उदयपुर, चितौड़ देखल्यो, देखो बीकानेर

अठै घर-घर मं किसान है प्यारो राजस्थान॥सैंरी॥

स्रोत
  • पोथी : खळखोटो ,
  • सिरजक : सोनी सांवरमल
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