परण्या मैड़ी पे चढ़ ज्याऊं, रात्यूं तारां सूं बतळाऊं, कीकर मनड़ै थ्यावस पाऊं, म्हारो मन घबरावै जी।
जोबन घणो सतावै जी।
सायब फागण रा दिन च्यार, म्हारे मनड़ै चढ्यो खुमार, आयो रंगां रो तिंवार।परण्या नैड़े आज्या रे।
म्हां पर रंग बरसा ज्या रे।....(१)
हाथां मैंदी म्हारे राची, बळगी झट सूं कूंपळ काची, मैं तो मदछक जौबन माची,
थोड़ो नीर पिलाज्या रे। म्हाने धीर बंधाज्या रे।
सगळी साथण लूरां गावै, देखो हस हसनै बतळावै, बैरण नागण ज्यूं लेरावै, परण्या होरी गाज्या रे।
म्हांपर रंग बरसा ज्यारे।....(२)
सासू मन ही मन बल्डावै, नणदल नितका राड़ करावै, दैवर घड़ी घड़ी धमकावै, आंने थूं समझाज्यारे।
सांचो न्याव कराज्यारे।
पीळो पाली रो नीं ओपै, कणकती कड़ियां पर हद कोपै, नैणां सुरमो म्हारो लोपै, हिंगळू मांग सजा ज्यारे।
म्हांपर रंग बरसा ज्यारे।....(३)
सखियां मुधरा मंगळ गावै,
जुलमण म्हाने घणी चिड़ावै,
सीळो बायरियो भरमावै,
बिगड़ी बात बणाज्यारे, परण्या घरां आज्यारे।
बालम अरजी आज लगाऊं, थांरा लूंठा कोड कराऊं, जीमण लापसड़ी बणवाऊं।आय'र भोग लगाज्या रे।
म्हांपर रंग बरसा ज्यारे।......(४)
फागण फर फर करतो जावै, हिवड़ै जबरी लाय लगावै, कुण मन्नै आय'र धीर बंधावै, अतरी बात बताज्यारे।ढोला सेज सजा ज्यारे।
सनेसो कुरजां साथ खिनाऊं, ऊभी कंवळै काग उड़ाऊं, आंगण चानणचौक पुराऊं, बालम बेगो आज्या रे।
म्हांपर रंग बरसा ज्यारे।.....(५ )
अरजी बादीले हिये ढूकी, कोनी पैली गाडी चूकी, झटसूं घर मरवण रे पूगी।अंतस आणंद छायो रे।
मारू मौ घर आयो रे।
म्हारो बादीलो घर आयो, मनड़ै लूंठो ऊछब छायो, म्हांपर केसर रंग ढुळायो।फागण ओज्यूं आजै रे।
म्हांपर रंग बरसाजे रे। .....(६)