बिराट ऊं

सूखम तक री

जातरा

बिना किणी अभखाई रै

कर सकै

अगर कोई

संपूरण

तौ बो है

साव

अेकलो प्रेम

परेम रै कनै

हुया करै आखै जग रौ

वीजा

अर पासपोरट

ज्यूं हवा, बादळ,

रोसनी-चांदनी रै

नीं हुवै कोई सीमाड़

सागै वियां

परेम बी

भंवतो फिरै

बिंदास

ठौड़-ठौड़

स्रोत
  • सिरजक : आशा पांडेय ओझा ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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