बो भोळो-भाळो म्हारो बाळपणो कठै गयो?

खाटी-मीठी गोळी?

आम रो चूरण गयो

बरफ रा गोळा

दस पीसा पचास पईसां री बातां कठै गयी

बो भोळो-भाळो म्हारो बाळपणो कठै गयो?

सतोळी अर गड्ढा गया

गिल्ली अर डंडा गया

डरतां-डरतां दादोसा सूं

धोरै माथै लुकणो कठै गयो

बो भोळो-भाळो म्हारो बाळपणो कठै गयो?

आखातीज रो खीच-गळाणी

सांगरीयां रो साग अर सोगरो

होळी-दीवाळी रा रामा-स्यामा

कबड्डी रो खेड़ो कठै गयो

बो भोळो-भाळो म्हारो बाळपणो कठै गयो?

नींबड़ै री छांव

पीपळियै रा गीत

कैरां सूं रातां ढालूड़ा कठै गया

बो भोळो-भाळो म्हारो बाळपणो कठै गयो?

नींबड़ै री छांव

पीपळियै रा गीत

कैरां सूं रातां ढालूड़ा कठै गया

बो भोळो-भाळो म्हारो बाळपणो कठै गयो?

चिमनी री बाटां गयी

अेक थाळी री रीत गयी

लाइटां रै उजास में

बो प्रभाती दिवलै रो उजास कठै गयो?

बो भोळो-भाळो म्हारो बाळपणो कठै गयो?

स्रोत
  • पोथी : राजस्थली तिमाही पत्रिका ,
  • सिरजक : सुमन ,
  • संपादक : श्याम महर्षि
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