अै भोळा-भोळा टाबरिया, अै टोळा-टोळा टाबरिया।

कुचमाद कुबध रिगलीगरिया, गजबां रा गोळा टाबरिया।।

अणबेली रा बेली है

अै मीठी गुड़ री भेली है,

धन-माल खजाना धूळ और

अै माणक-मोत्यां थैली है,

ऊंच-नीच अर भेदभाव रा , रेत रळाता रावळिया।

अै भोळा-भोळा टाबरिया, अै टोळा-टोळा टाबरिया।।

के जाणै अै राम-खुदा

मठ-मिंदर मैजित अर गिरजा,

मुल्लै री डाढी पाड़ हंसै

पंडै री चोट्यां द्यीं झटका,

के-के कैज्यां अणकैणी, अै मूंढै लाग्या मिट्ठुड़िया।

अै भोळा-भोळा टाबरिया, अै टोळा-टोळा टाबरिया।।

छक्क-फक्क भाजै रेल बणै

झट गाजै मदवा ऊंट बणै,

छिण न्याव तिरावै तालरियां

झट रमै रेत गढ-कोट चिणै,

अै करै कुदड़का गांव-गळी,टाल्यां टणकाता टणमणिया।

अै भोळा-भोळा टाबरिया, अै टोळा-टोळा टाबरिया।।

लड़ै-घुळै'र भरै बटका

मुक्का-थाप, गधम-पटका,

रोता-रोता गळबांथ भरै

रळ गिटकू-बोर करै गटका,

बो सरगां बैठ्यौ आप हंसै,जद गट-गट हांसै गटकुड़िया।

अै भोळा-भोळा टाबरिया, अै टोळा-टोळा टाबरिया।।

मिसरी सी बातां भाखणिया

जेब्यां में तारा राखणिया,

अै दूधां भर्यै कटोरां सूं

चुग-चुग चंदौ चाखणिया,

नैणां घुळती रातां में, बातां रा खुलता बुगचड़िया।

अै भोळा-भोळा टाबरिया, अै टोळा-टोळा टाबरिया।।

अै ऊघड़तोड़ी आंख्यां है

अै मिनखपणै री पांख्यां है,

सैतां रा छाता संचण नै

ज्यूं फूल-फूल मोमाख्यां है,

आंख-आंख री आस फळै,जद फिरै फदकता हौलरिया।

अै भोळा-भोळा टाबरिया, अै टोळा-टोळा टाबरिया।।

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुनियोड़ी ,
  • सिरजक : सुरेश कुमार
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