परम्परावां सूं

बिंधीज्योड़ा आपां

बेटै अर बेटी में

भेद

कदी तो मिटास्यां

म्हूं अडीकूं

उण दिन नै

जिण दिन

बेटी ब्याह’र

ल्यासी जंवाई

घरां

जंवाई

संभाळसी घर नैं

अर अडीकसी

सिंझ्यां नैं

दुराजै बिचाळै खड़्या

आपरी जोड़ायत नै।

स्रोत
  • पोथी : थार सप्तक 5 ,
  • सिरजक : ऋतुप्रिया ,
  • संपादक : ओम पुरोहित ‘कागद’ ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन, जयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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