समझण लागी दुनिया सारी

है भाषा सूं विग्यांन बडौ

विग्यांन पूगियौ सिखरां पर

विग्यांन पूगियौ जा अम्बर

विग्यांन सौधिया समदर-तळ

विग्यांन चीर दीना भूतळ

जळ-थळ-अम्बर-ऊंडै भूतळ,

चौमेरू है विग्यांन खड़ौ

है भाषा सूं विग्यांन बडौ...

रख छाती हाथ विचारो तौ

विग्यांन कठै सूं आयौ है

किणरी गोदी खेल्यौ-कूद्यौ

किण मावड़ दूध पिलायौ है

भाषा मावड़ विग्यांन पुत्र, (पण)

मां सूं सुत रो मान बडौ

है भाषा सूं विग्यांन बडौ...

भाषा है वृक्ष विग्यांन साख

भाषा अनन्त, विग्यांन लाख

भाषा है मूल, विग्यांन ब्याज

भाषा मल्हार, विग्यांन गाज

उलटी तकड़ी जग करे तोल, (कद)

श्रद्धा सूं सम्मान बडौ

ज्यौं भाषा सूं विगयांन बडौ

भाषा है विश्व, विग्यांन देश

भाषा शरीर, विग्यांन भेष

भाषा है नींव, विग्यांन कळस

भाषा महेश, विग्यांन शेष

भ्रम में भटकी दुनिया भोळी (कवै)

राम नहीं हनुमांन बडौ

ज्यौं भाषा सूं विग्यांन बडौ...

स्रोत
  • पोथी : बदळाव ,
  • सिरजक : श्यामसुन्दर श्रीपत ,
  • संपादक : सूर्यशंकर पारीक ,
  • प्रकाशक : सूर्य प्रकाशन मंदिर, बीकानेर