सबद
नैणां में खुबण लाग जावै,
लगमातरा
आंतड़ियां में अळूझ जावैं,
वो दिन में,
कैई बार,
भासा नै भूख व्हैतां देखे
अर भूख ने भासा,
तनखा बधै... बधै... नीं बधै
आ कांई कम बात
कै हर साल
काळू राम कम्पोजीटर रा
चसमै रा लम्बर बधै !