म्हानै तो भरोसो है

राम जी थांरै नांव रो

लोग मर्‌यां पाछै कैवै

राम नाम सत है, सत बोल्यां गत है

जीवतां थकां क्यूं नीं जाणै

सबद रै गूढ अरथ नैं

गुड़ कैयां जीभ मीठी नीं हुवै

नीं हुवै नीमड़ो कैयां खारी

जाणो रै भायां गूढ अरथ नैं

राम नाम है भरोसै रो

आतम रूप रो।

स्रोत
  • पोथी : सांची कैऊँ थांने ,
  • सिरजक : सीमा पारीक ,
  • प्रकाशक : ज्योति पब्लिकेशन्स बीकानेर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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